Welcome to your very own blog. Your views, comments and suggestions are welcome.

Welcome to your very own blog. Your views, comments and suggestions are welcome.

Tuesday, March 7, 2017

शक्ति हो तुम on International Women's Day

Happy International Women's Day!

हैप्पी इंटरनेशनल विमेंस डे!

 हम सब यह भली भांति जानते हैं कि यह दिन हमारी महिलाओं को हमारे घर, हमारे समाज, हमारे कार्य क्षेत्र में और अधिक महत्व दिलाने के लिए मनाया जाता है। यह महत्व इसलिए नहीं दिलाना है क्योंकि वह हमारे बराबर है, मेरा मानना है कि वह हमसे कहीं बढ़कर हैं। अपने घर को संभालने के साथ साथ वह जो भी कार्य आज के दौर में कर रही है वह किसी भी पुरुष के द्वारा किए गए कार्यों से किसी तरह कम नहीं। आज की महिलाएं नई ऊंचाइयों को छू रही हैं ।महिलाएं तो हमारे समाज में पहले से ही आदर और सम्मान का पात्र रही है। वह आदिशक्ति हो, दुर्गा हो, लक्ष्मीबाई हो या मौजूदा दौर की मदर टेरेसा हो,  कल्पना चावला हो , सुनीता विलियम्स हो , बचेंद्री पाल हो,  इंदिरा गांधी हो या कोई अन्य साधारण महिला-  सभी आदर और सम्मान के पात्र हैं। जरूरत है आज हम सबको यह अच्छी तरह खुद समझने की और अपने आने वाली पीढ़ियों को यह समझाने की कि नारी है तो सृष्टि है।

मेरी यह कविता हमारी महिलाओं को समर्पित है- 


शक्ति हो तुम

शक्ति हो तुम आदि काल से 
21वीं सदी भी तुम्हारा है।

 निर्बल कभी नहीं रही तुम
 कभी दुर्गा, कभी रौद्र काली बन
 सदैव रिपुओं को संहारा है।

 वहीं जन्म दे 
नवजीवन रचकर
 मानव सृष्टि को 
सदियों से संवारा है।

ज्ञान भी तुम, धन-धान्य भी तुम
 पावन गंगा बन तुमने 
सबके पग को भी पखारा है।

 कई आघात हुए,
 वज्रपात हुए,
 पर धरती सी तुम अचल, संबल
 हमेशा दिया सहारा है।

 हर तरह से 
तुम उत्तम सृष्टि सदैव से,
 ऊंचा स्थान तुम्हारा है।

फिर भी करते उपहास, 
अपमान हम
यह तो दुर्भाग्य हमारा है,
हां , यह तो दुर्भाग्य हमारा है।

© Madhukar Mohan

No comments:

Post a Comment